Tuesday, November 20, 2007

नंदीग्राम में वामपंथियों का नंगा नाच जारी है

गुजरात दंगों जैसा ही है नंदीग्राम का नरसंहार। नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन के चेयरमैन जस्टिस एस राजेंद्र बाबू ने ये बात कही है। राजेंद्र बाबू कह रहे हैं कि जिस तरह से नंदीग्राम में अल्पसंख्यकों पर राज्य प्रायोजित अत्याचार हो रहा है वो, किसी भी तरह से गोधरा के बाद हुए गुजरात के दंगों से कम नहीं है। लेकिन, मुझे लगता है कि गुजरात दंगों से भी ज्यादा जघन्य कृत्य नंदीग्राम में हुआ है। नरेंद्र मोदी में भी कभी ये साहस नहीं हुआ कि वो उसे सही ठहराते लेकिन, बौराए बुद्धदेव तो इसे सही भी ठहरा रहे हैं।

दरअसल नंदीग्राम में स्थिति उससे भी ज्यादा खराब है जितनी राजेंद्र बाबू कह रहे हैं। लेफ्ट के गुडों का नंगा नाच अभी भी खुलेआम चल रहा है। बंगाल की बुद्धदेव सरकार अब सीआरपीएफ को काम नहीं करने दे रही है। सीआरपीएफ के देरी से आने का रोना रोने वाले बुद्धदेव के बंगाल के डीजीपी अनूप भूषण वोहरा ने सीआरपीएफ के डीआईजी को कहा है कि वो वही सुनें जो, राज्य पुलिस का स्थानीय एसपी (ईस्ट मिदनापुर) एस एस पांडा कह रहा हो। यानी केंद्र सरकार की ओर से राज्य में कानून व्यवस्था बनाने के लिए भेजी गई सीआरपीएफ पूरी तरह से राज्य पुलिस के इशारे पर चलेगी।

ये वही राज्य पुलिस है जो, लेफ्ट कैडर के इशारे के बिना सांस भी नहीं लेती। सीपीएम कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर नंदीग्राम के निरीह किसानों की हत्या करने वाली पुलिस अब जो कहेगी वही सीआरपीएफ के जवानों को करना होगा। सीआरपीएफ के डीआईजी आलोक राज ने राज्य पुलिस से नंदीग्राम और आसपास के इलाके के अपराधियों की एक सूची मांगी थी अब तक सीआरपीएफ को वो सूची नहीं दी गई। आलोक राज ने कहा पुलिस का इतना गंदा रवैया उन्होंने अपने अब तक के कार्यकाल में नहीं देखा है।

सीआरपीएफ के 5 बेस कैंपों को हटाकर दूसरी जगह भेजा जा रहा है। ये वही बेस कैंप हैं जिन्हें बनाने के लिए सीआरपीएफ को लेफ्ट के अत्याधुनिक हथियारों, बमों से लैस गुंडों से छीनने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था। इतना कुछ होने के बावजूद सीपीएम महासचिव की बेशर्म बीवी और सीपीएम पोलित ब्यूरो की पहली महिला सदस्य बृंदा करात टीवी चैनल पर नंदीग्राम के मसले पर इंटरव्यू के दौरान नंदीग्राम में महिलाओं के साथ हुए बलात्कार की तो चर्चा भी नहीं करना चाहतीं। और, वो इसी इंटरव्यू के दौरान बेशर्मी से हंसती भी दिख जाती है।

वहीं एक दूसरे चैनल पर सीपीआई नेता ए बी वर्धन नंदीग्राम को गुजरात से भी गंदा बताने पर भड़क जाते हैं। इन बेशर्मों को ये नहीं दिख रहा है कि नंदीग्राम के एक स्कूल में 1,200 से भी ज्यादा किसान शरण लिए हुए हैं। ये लोग भूमि उच्छेद प्रतिरोध कमेटी के सदस्य हैं। अब स्कूल का हेडमास्टर सीपीएम के दबाव में उन्हें स्कूल खाली करने को कह रहा है। कमेटी के 38 से ज्यादा सदस्य अभी भी लापता हैं। आशंका हैं कि गांव में कब्जे के दौरान सीपीएम कैडर ने इन लोगों की हत्याकर उनकी लाश कहीं निपटा दी है।

No comments: